दमोह। वीडियो देखकर आपको लग रहा होगा कि यह महिला मनसिक रूप से कमजोरहै, लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है बल्कि वीडियो में दिख रही यह महिला एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है, जो कि कुछ अलग ही तरीके से अपने दुख को निरीक्षण दल के सामने व्यक्त करती नजर हा रही है। मध्य प्रदेश शासन द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों के जरिए भले ही बच्चों को शिक्षित करने से लेकर उनके कुपोषण को दूर कराने जैसे अभियान चलाए जा रहे है लेकिन इतनेकम मानदेय में किस तरह मानसिक तनाव भरे हालात में आंगनवाड़ी का र्यकर्ता कार्य कर रहीं हैं इसका अंदाजा इस वीडियो को देखकर लगाया जा सकता है।
दरअसल मामला दमोह के आमचोपरा रैयतवारी का है, जहां जब दोपहर के समय जनपद पंचायत उपाध्यक्ष आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण करने पहुंची तो दौरान उन्होंने बच्चों के बारे में जैसे ही जानकारी लेना चाही तो वहां मौजूद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के मुताबिक निरीक्षण दल ने आंगनबाड़ी में बच्चों के उपस्थित नहीं होने पर सवाल पूछे थे जिसके कारण कार्यकर्ता को गुस्सा आया। बताया गया कि बच्चे स्कूल से 1 बजे आते हैं लेकिन 12 बजे प्रशासनिक दल निरीक्षण करने पहुंचा तो बच्चे कहा से ले आएं।
कहीं ना कहीं उपरोक्त हालात छोटे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मानसिक हालत और आर्थिक व्यथा को भी दर्शाते नजर आ रहे हैं, हालांकि शासन प्रशासान को ऐसे कार्यकर्ताओं के वेतन तथा मानसिक हालात पर भी गौर करने की जरूरत है।
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