सिरोंज। विदिशा जिले के सिरोंज में एक शिक्षक ने अपनी शरीरिक कमी को नजरअंदाज करते हुए कई वर्षों से शिक्षा क्षेत्र में अपनी सेवाएं देते हुए लोगों के लिए प्रेरणस्त्रोत बन गए हैं। बता दें कि शिक्षक रविन्द्र नेमा ने अपने मजबूत इरादों से दिव्यांगता को मात देते हुए समाज के लिए मिसाल पेश की है।
दरअसल शिक्षक रविन्द्र नेमा पैर से दिव्यांग होने के बाद भी बच्चों को पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं जिनकी मेहनत से आज कई बच्चे अच्छी जगहों पर पदस्थ भी हैं। जानकारी के मुताबिक पूर्व में भी सिरोंज से 10 किलोमीटर दूर तीन पहिये की साईकल के माध्यम से रविंद्र नेमा सेमलखेड़ी के स्कूल पढ़ाने जाते थे जो कि विगत लगभग 20 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं जो कि वर्तमान में शासकीयमाध्य मिक शाला रकाबगंज में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हालांकि शिक्षक दिवस पर शिक्षक रविन्द्र नेमा ने अपने जीवन में आई कठिनाईयों तथा वर्तमान के कार्य के संबंध में मीडिया को बताया जबकि स्कूल के विद्यार्थियों ने शिक्षक रविंद्र नेमा का सम्मान भी किया।