85 decibel sound can make you deaf, How ? Read Report. भारत में मुख्य रूप से शादी, चल समारोह और जयंती और खुशी के पर्व पर जुलूस रैली निकली जाती है और उसमें उपयोग होने वाले डीजे ना केवल तेज ध्वनि (Sound) और बेस से खुद को प्रभावित करते हैं बल्कि जहां से वह गुजरते हैं वहां के लोग भी प्रभावित होते हैं। यह पता नहीं लगता है कि यह शराब का नशा है या पैसे का। हालांकि पुलिस प्रशासन ऐसे समाजविरोधी लोगों पर लगाम कस सकती है लेकिन आखिकर ढील दे दी जाती है। शिकायतकर्ता भी शिकायत करने से डरता है क्योंकि सभी जगह गुडाराज है।
आपको बता दें कि 85 डेसीबल का साउंड (Sound) किसी भी व्यक्ति को बहरा (Deaf) बना सकता है। जानकारी के मुताबिक कोक्लीअ (cochlea) एक सेन्स ओरगन हमारे शरीर के कान के पास होता है जो कि शरीर को सुनने में मदद् करता है। हालांकि यदि तेज बेस वाला साउंट कई देर तक सुनने पर कोक्लीअ प्रभावित होता है जो कि सीधा ब्रेन यानि की हमारे मस्तिक्ष पर भी असर डालता है। हालांकि तेज वाल्यूम में साउंड सुनने से केवल बहरापन ही नहीं बल्कि इसके अलावा सिरदर्द, नींद की कमी, डिप्रेशन और दिन की गतिविधियों को अच्छे से पूरा ना कर पाना भी दुषपरिणाम सामने आते है।
यदि प्रशासन सख्त होता है तो एक साउंड मेज़रमेंट की मशीन लोकर एक सीमित डेसीबल देकर डीजे संचालकों को बता सकती है और यदि उस सीमित डेसीबल से ज्यादा साउंड यदि डीजे वाले बजाते हैं तो उनपर बिना किसी रह के कठोर कार्रवाई निश्चित रूप से होनी ही चाहिए।
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