नई दिल्ली, 25 मई। कोरोना महामारी की तीसरी लहर बच्चों पर भारी पड़ेगी या नहीं इस बात का संशय बना हुआ है। इसके पीछे तथ्य ये दिया गया कि पहली लहर ने बुजुर्गों को अपना निशाना बनाया, दूसरी लहर में युवा वर्ग निशाने पर रहे और अब यदि तीसरी लहर आती है तो शायद संक्रमण का शिकंजा मासूमों पर हो सकता है।
एम्स के निदेशक डाॅक्टर रणदीप गुलेरिया ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वायरस तो वही है इसीलिए यह कहना, कि अगली लहर में बच्चों पर संक्रमण ज्यादा रहेगा यह साइंटिफिक रूप से सही नहीं है। डाॅ गुलेरिया का मानना है कि जो बच्चे पहले से ही गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं उनको कोरोना होने का खतरा अधिक है।
हालांकि जो बच्चे स्वस्थ हैं और जिनको अभी तक संक्रमण नहीं हुआ है उनको इस तीसरी लहर में सावधानी बरतने की सलाह दी गई, क्योंकि यदि सरकार ने स्कूल और काॅलेज खुलने की अनुमति दी तो संक्रमण बढ़ सकता है।
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