नई दिल्ली, 7 जून। कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सात जून की शाम 5 बजे से 05ः33 बजे तक देशवासियो को संबोधित किया। पीएम मोदी ने योग दिवस यानी 21 जून से देश में 18 साल से अधिक उम्र वाले सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगाए जाने का बड़ा एलान किया जबकि दीपावली तक यानी नम्वबर माह तक गरीबों को मुफ्त राशन वितरण की घोषणा की है। प्रधानमंत्री का पूरा भाषण –
जरूरत को पूरा करने युद्ध स्तर पर काम किया गया। जरूरी दवाओं के प्राॅडक्शन को कई गुना बढ़ाया गया। इनको लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। इस लड़ाई में सबसे प्रभावी हथियार कोविड प्रोटोकाॅल और वैक्सीन है। भारत में बनी वैक्सीन नहीं होती तो क्या होता, आप कल्पना कीजिए। भारत को विदेशों से वैक्सीन प्राप्त करने में दशकों लग जाते थे।
2014 में जब बीजेपी की सरकार बनी तब भारत में वैक्सीनेशन का कवरेज 60 प्रतिशत के आस पास था। सरकार ने मिशन इन्द्रधनुष को लाॅन्च किया जिसके तहत युद्ध स्तर पर वैक्सीनेशन किए जाने की पहल की। इसके परिणाम दिखे कि सिर्फ 7 साल में वैक्सीनेशन कवरेजा का 90 प्रतिशत हो गया।
टीकाकरण अभियान के दौरान ही कोरोना वायरस ने देश दुनिया को घेर लिया। सवाल उठने लगे थे कि भारत कैसे लड़ेगा। लेकिन नियत साफ, नीति स्पष्ट और निरंतर परिश्रम हुआ तो भारत में दो मेड इन इंडिया वैक्सीन बना ली। हमे सफलता तब मिलती है जब हमे स्वयं पर विश्वास होता है। अब तक 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है।
वैक्सीन बनाने वाली कम्पनियों को सरकार ने हर तरह से सपोर्ट किया। क्लीनिकल ट्रायल सहित रिसर्च डेवलप्मेंट के लिए फंड दिया। मिशन कोविड सुरक्षा के जरिए हजारों करोड़ों रूपए उपलब्ध कराए गए। आने वाले दिनों में वैक्सीन की सप्लाय और भी ज्यादा बढ़ने वाली है। आज देश में 7 कम्पनियों अलग अलग प्रकार की वैक्सीन बना रही हैं, तीन और वैक्सीन का ट्रायल जारी है। दूसरे देशों से वैक्सीन लाने की प्रक्रिया को तेज किया गया है।
कुछ एक्सपर्ट ने हमारे बच्चों को लेकर चिंता जताई। इस दिशा में दो वैक्सीन का ट्रायल तेजी से चल रहा है। देश में एक नेज़ल वैक्सीन पर रिसर्च जारी है। इसे सिरीन से नहीं बल्कि नाक में स्प्रे के जरिए दिया जाएगा। इसपर यदि सफलता मिलती है तो वैक्सीनेशन अभियान और तेजी पकड़ेगा। वैक्सीन बनने के बाद भी दुनिया के काफी कम देशों में वैक्सीनेशन प्रारंभ हुआ। केन्द्र सरकार ने मुख्यमंत्रियों-सांसदों के साथ अनेक बैठके कर सुझाव मांगे और तय हुआ कि जिन्हे कोरोना से ज्यादा ख़तरा है उन्हे प्राथमिकता दी गई। अगर कोरोना की दूसरी लहर से पहले कोरोना योद्धाओं को यदि वैक्सीन नहीं दी जाती तो सोचिए क्या होता ?
देश में कम होते कोरोना के मामलों के बीच केन्द्र सरकार के पास कई सुझाव आए, मांगे होने लगी। ऐसे में भारत सरकार ने गाइडलाइन्स बनाकर राज्यों को सौंपी जिससे स्थानीय स्तर पर कोरोना से लड़ा जा सके। इस साल 16 जनवरी से अप्रैल के अंत तक भारत का वैक्सीनेशन कार्यक्रम मुख्य रूप से केन्द्र सरकार की देख रेख में चला। इस बीच राज्य सरकारों ने राज्यों पर वैक्सीनेशन अभियान का जिम्मा सौंपने की मांग की। ऐसे में इस मांग पर केन्द्र ने प्रयोग के तौर पर यह बदलाव किया कि 1 मई से राज्यों को 25 प्रतिशत काम सौंपा गया। इस दौरान राज्य सरकार कई कठिनाईयों से रूबरू हुए। ऐसे में सरकारों ने पहले की व्यवस्था को सही बताया। ऐसे में 1 मई के पहले वाली व्यवस्था को फिर लागू किया गया।
राज्यों के पास वैक्सीनेशन जुड़ा 25 प्रतिशत काम अब उसकी जिम्मेदारी भी भारत सरकार उठाएगी। यह आने वाले 2 सप्ताह में लागू की जाएगा। केन्द्र और राज्य मिलकर नई नियमों के अनुसार आवश्यक तैयारी करेगी। 21 जून को ही योग दिवस है, इस दिन से देश के हर राज्य में 18 वर्ष की उम्र से उपर के नागरिकों को राज्यों को मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराएगी। देश की किसी राज्य सरकार को वैक्सीन पर खर्च नहीं करना होगा केन्द्र 75 प्रतिशत हिस्सा खरीदेगकर देगी।
जो व्यक्ति मुफ्त नहीं चाहता है तो वह निजी अस्पताल में जाकर वैक्सीन लगवा सकते हैं। देश में बन रही वैक्सीन में से 25 प्रतिशत निजी अस्पतला सीधे ले पाए यह व्यवस्था जारी रहेगी। 1 डोज पर अधिकतम 150 रूपए ही सर्विस चार्ज ही लिया जा सकेगा। कोरोना से लड़ाई में 130 करोड़ से अधिक भारतियों ने दिन रात एक कर सहयोग किया है। हम वैक्सीन प्राप्त करने की गति और अभियान को और गति देंगे।
कोविन की दुनिया में चर्चा हो रही है। वैक्सीन की एक एक डोज कितनी महत्वपूर्ण है, हर डोज से एक जिंदगी जुड़ी है। हर राज्य को कुछ सप्ताह पहले बताया जाएगा कि कब कितनी डोज मिलेगी। राजनीतिक छीटा कसी को कोई भी अच्छा नहीं मानता। देश के हर नागिरक तक पहुंच सकें यह प्रयास होना चाहिए।
बड़े फैसले – गरीब कल्याण अनन योजना को दिपावली तक आगे बढ़ाया जा रहा है। नवम्बर तक 80 करोड़ से अधिक लोगों को हर महिने तय मात्रा में मुफ्त अनाज उपलब्ध होगा।
अफवाहों से सर्तक रहें – वैक्सीनेशन को लेकर भ्रम और अफवाह फैल रही है। वैक्सीन निर्मार्ताओं के विश्वास को कम करने का प्रयास किया गया। जो लोग अफवाहें फैला रहे हैं, वो बहुत बड़ा खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे में आप भी वैक्सीन को लेकर जागरूकता बढ़ाने में सहयोग करें।
कोरोना कर्फ्यू में ढील दी जा रही है। लेकिन कोरोना अभी गया नहीं हैं। हमे सावधान रहना है और बचाव के नियमों का पालन करना है। हम सब कोरोना से इस जंग में जीतेंगे, भारत कोरोना से जीतेगा।
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