सिवनी। जिले के आदेगांव में काल भैरव अष्टमी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई। दरअसल 18वीं शताब्दी में राजाओं द्वारा गढ़ी का निर्माण कराया गया था जिसे किला कहा जाता है। इस किले में भगवान काल भैरव की खड़ी प्रतिमा एवं दुर्लभ श्यामलता वृक्ष का पेड़ के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग दूर दूर से पहुंचते हैं।
मान्यता है कि काशी विश्वनाथ के बाद आदेगांव ही एक ऐसा धार्मिक स्थान है जहां पर काल भैरव भगवान की खड़े स्वरूप में मूर्ति एवं श्यामलता का पेड़ स्थापित है। काल भैरव अष्टमी के दिन प्रशासनिक व्यवस्था के अलावा स्थानीय नागरिकों के माध्यम से जगह-जगह भंडारे का आयोजन के साथ ही संगीत एवं धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।
मेले के अवसर पर सुबह के समय शोभायात्रा नगर भ्रमण के लिए निकलती है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं जबकि देर रात तक मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।