मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पर जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है तब मकर संक्रांति पर्व मनाया जाता है । सूर्य के उत्तरायण होने के इस परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होना माना जाता है ।
चन्द्रमा पर आधारित पंचाग के अनुसार जब सूर्य कर्क रेखा से मकर रेखा पर आ जाता है तब उसे सूर्य उत्तरायण कहा जाता है पौष माह के मध्य मे और आधुनिक पंचाग के अनुसार 14 और 15 जनवरी के दिन पड़ता है सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि मे आने और जाने को सक्रांति (Sankranti) कहते है पूरे भारतवर्ष मे यह त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता रहा है पंजाब मे लोहडी,उत्तर भारत मे मकर-सक्रांति, दक्षिण मे पोंगल पूर्वीय पर्वर्तीय भारत मे बिहू के रूप मे मनाया जाता है लोग इस दिन को तिल और खिचडी सक्रांति भी कहते है क्योकि इस दिन के ये प्रशिद्ध पकवान है यह त्यौहार हिन्दू लोगो के लिए बहुत ही शुभ दिन है और इस दिन लोग सुबहे सूर्य निकलने से पूर्व ही स्नान करते हुए ही सूर्य देवता की पूजा करते है और संपूर्ण भारत मे हिन्दू लोग भारी संख्या मे पवित्र नदिया मे स्नान करते है और गरीबो के लिए दान और भोजन का प्रबंध करते है।
भारत के अलग-अलग प्रांतों में इस त्योहार को अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है लेकिन इन सभी के पीछे मूल ध्येय एकता, समानता व आस्था दर्शाना होता है।बचपन की यादें ताजा करने व दोस्तों के साथ फिर से हँसी-ठहाके करने का त्योहार मकर सक्रांति है। गिल्ली-डंडे के खेल के रूप में मौज-मस्ती के एक बहाने के रूप में म.प्र. में यह त्योहार मनाया जाता है। इस त्योहार पर परिवार के बच्चे से लेकर बूढ़े सभी एक साथ गिल्ली-डंडे के इस खेल का आनंद उठाते हैं।
मकर संक्रांति 15 को ही मान्य होगी
मकर संक्रांति के पुण्य काल में सफेद तिल मिश्रित जल में तीर्थादि नदी सरोवर गंगा नर्मदा आदि पवित्र सद्भाव पूर्वक स्नान करें, यदि घर में स्नान करें तो जल पात्र में तिल और तीर्थ जल गंगा यमुना नर्मदा आदि को मिलाकर तीर्थों का ध्यान करते हुए स्नान करें।
शिवलिंग पर रुद्राभिषेक अथवा जल चढ़ाएं सूर्य देव की मूर्ति की सविधि पूजन करें सूर्य को विशेषार्घ्य प्रदान करें। वैदिक पौराणिक सूर्य बीज मंत्र अथवा ॐ घृणि सूर्याय नमः का जप करें। सूर्यसूक्त आदि मंत्रों से हवन करें।
यथाशक्ति नूतन पात्र बर्तन, तिल, वस्त्र, चावल आदि धातु सुखा अन्न पकवान दूध खीरान्न गुड़ पायस खिचड़ी तथा श्रीफल सहित दक्षिणा दान करें। गायों को गौशाला में जाकर घास खिलाएं यथाशक्ति गोदान करें पुण्य काल की अवधि में सात्विक धार्मिक वृत्ति का निर्वाह संयम पूर्वक करना चाहिए संक्रांति के पुण्य काल में स्नान दान पूजा दी का विशेष महत्व है ।
आयुर्वेद में है मकर संक्रांति का वैज्ञानिक महत्व
आयुर्वेद में ऋतुओं को दो अयनों उत्तरायण एवं दक्षिणायन में बांटा गया है।शिशिर, बसंत और ग्रीष्म ये तीन ऋतुएं उत्तरायण में वर्णित है। शेष वर्षा, शरद और हेमंत दक्षिणायन की ऋतुएं हैं। मकर संक्रांति के त्योहार में खिचड़ी, तिल से बने खाद्य पदार्थ और गुड़ से बनी हुई मिठाई खाने का प्रचलन है।
आयुर्वेद के अनुसार इस मौसम में चलने वाली सर्द हवाएं कई बीमारियों का कारण बन सकती है इसलिए खिचड़ी एवं तिल-गुड़ से बनी हुई मिठाई खाने से शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। सर्दियों के मौसम में शरीर का तापमान गिर जाता है जो शरीर में कई बीमारियों का कारण बन सकती हैं।
खिचड़ी पर्व पर तिल प्रयोग का महत्व
खिचड़ी पर्व पर प्रयोग किए जाने वाले तिल का बहुत अधिक महत्व है।आयुर्वेद में इसके महत्व को बताते हुए कहा गया है यह उष्ण होने की वजह से वात दोष का शमन करता है। यही वजह है कि तिल सेवन से शरीर में वेदना अर्थात दर्द से राहत मिलती है। तिल में मुख्य रूप से वसा, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम फास्फोरस, लौह तत्व, प्रोटीन पाए जाते हैं। कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाए रखता है।तिल में फाइबर होने की वजह से पाचन क्रिया सही रखता है और कब्ज की समस्या भी दूर होती है। इसमें मौजूद प्रोटीन शरीर को एनर्जी से भर देता है और *मेटाबोलिज्म को सही रखता है। भरपूर मात्रा में विटामिन एवं मिनरल पाए जाते हैं जिससे यह कैंसर के खतरे को कम करता है।
मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने का वैज्ञानिक महत्व
मकर संक्रांति के पूर्व सर्दियों में सूर्य की किरणें कई दिनों तक धुंध और कोहरे की वजह से हमारे शरीर को प्राप्त नही होती। संक्रांति के दिन घर से बाहर निकलकर पतंग उड़ाने से सूर्य की किरणें हमारे शरीर का पोषण करती है तथा विटामिन डी का निर्माण एवं शरीर मे एक नई ऊर्जा का संचार होता है। पतंग उड़ाते समय बच्चों को सावधानी रखनी चाहिए तथा चाइनीज मांझे के प्रयोग से बचना चाहिए।
वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह (Saturn Planet) को कर्म, अनुशासन और न्याय का प्रतीक माना… Read More
मध्य प्रदेश में आध्यात्मिक स्थलों की चर्चा हमेशा होती रहती है। आपने बागेश्वर धाम सरकार… Read More
भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव और उनकी सरकार के खिलाफ… Read More
छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम में इस बार Bageshwar Dham… Read More
MP Budget 2025 का ऐलान हो चुका है, जिसमें सरकारी योजनाओं, खेल, शिक्षा, और परिवहन… Read More
साल 2025 का पहला Total Lunar Eclipse यानी पूर्ण चंद्र ग्रहण 14 मार्च को लगेगा।… Read More