सम्पूर्ण सुन्दरकाण्ड | Sampurn Sunderkand – Hindi Lyrics
।। पञ्चम सोपान सुन्दरकाण्ड।। ।।आसन।। कथा प्रारम्भ होत है। सुनहुँ वीर हनुमान।। राम लखन जानकी। करहुँ सदा कल्याण।। – श्लोक – शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् । रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम्।।1।। नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा। भक्तिं प्रयच्छ रघुपुङ्गव निर्भरां मे कामादिदोषरहितं कुरु मानसं च।।2।। अतुलितबलधामं…