कन्नौज के शहीद जवान पंकज दुबे का हुआ अंतिम संस्कार

कन्नौज। 23 मार्च को कश्मीर घाटी में सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों से हुई मुठभेड़ के दौरान घायल हुए कन्नौज जिले के गन्धरापुर निवासी जवान पंकज दुबे के निधन के बाद उनका पार्थिव शरीर पैतृक गाँव पहुँचा। शहीद जवान के अंतिम दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में लोगो का हुजूम उमड़ा जहां समूचा क्षेत्र भारत माता के जय घोष से गूंज उठा। शहीद पंकज दुबे के पार्थिव शरीर को सेना के जवानो ने सलामी दी और फिर पुरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान जिले के आलाधिकारियों सहित राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

सदर कोतवाली इलाके के गाव गन्धरापुर निवासी 22 वर्षीय सेना के जवान पंकज दुबे आर्टिलरी कोर में रेडियो ऑपरेटर के पद पर कश्मीर घाटी के तंगधार सेक्टर में तैनात थे। 23 मार्च की सुबह उनके भाई ने सूचना दी कि पंकज दुबे रात्रि चले सर्च ऑपरेशन में आतंकियों की गोली से गम्भीर घायल हो गए है।

पंकज के सिर में गोली लगी है उनका इलाज उधमपुर के कमांड अस्पताल में इलाज किया जा रहा था। लेकिन पंकज जिंदगी मौत की लड़ाई में हार गया और शहादत को प्राप्त हो गया। पंकज के शहादत की खबर जैसे ही यूनिट से परिवार को मिली परिवार में कोहराम मच गया। पंकज दुबे अगस्त 2015 में कानपुर से सेना में भर्ती हुए थे मार्च 2017 में उनको ट्रेनिग के लिए भेजा गया था नवम्बर 2018 में पंकज की तैनाती रेडियो आपरेटर के पद पर कश्मीर घाटी के तंगधार में हुई थी। शहीद पंकज दुबे की अभी शादी नही हुई थी।

शहीद पंकज दुबे की माँ व बहन ने सरकार से मांग की है कि वो खून का बदला खून से ले। शरहद पर जवानो की शहादत को बेकार न जाने दिया जाए। उन्होंने अपनी आर्थिक स्तिथ कमजोर होने पर मदद की मांग भी। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पीड़ित परिवार से मिले थे और सरकार बनने पर सहायता की बात कही।

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