Sculpture Artist Fakir Charan Parida, Biography, Age, Born Place

12 साल की उम्र में जब बच्चे खेलने कूदने में व्यस्त रहते हैं उस उम्र में कला के लिए जागृत हुआ प्रेम आज 65 साल बाद भी जारी है। 77 वर्षीय मूर्तिकार Fakir Charan Parida देश के उन प्रसिद्ध मूर्तिकारों में से एक हैं जिनको भारत की शान भारतीय संसद के प्रांगड़ में स्थापित करने के लिए मूर्ति बनाने का अद्भुत गौरव प्राप्त है।

ओडिसा के कटक में जन्मे परिडा को यह हुनर विरासत के रूप में उनके माँ से मिली। बचपन से ही मूर्तिकला में दिलचस्पी रखने वाले फकीर चरण परिडा सिर्फ तीसरी कक्षा तक पढ़े हैं लेकिन उनकी कला की पकड़ को देखते हुए उनसे आर्ट्स विषय में पीएचडी कर रहे लोग भी आज सीखने को आते हैं।

1992 में हरिद्वार के श्रीजयराम अश्रम में 50 बाय 15 फीट की समुद्र मंथन की मूर्ति बनाने आए फकीर चरण परिडा यहीं के हो गए। तबसे वह हरिद्वार में ही परिडा मूर्तिकला केंद्र चला रहें हैं। समुद्र मंथन पर बनाई मूर्ति की खूबसूरती से लोग इतने प्रभावित हुए कि उनकी ख्याति पूरे देश में फैल गयी। इसी को देखते हुए जब भारतीय संसद में देश के महापुरुष महाराणा प्रताप की मूर्ति लगाने की बात चली तो इस काम के लिए फकीर चरण परिडा को चुना गया। भारतीय जनता पार्टी के फाउंडर मेम्बर और गद्दावर नेता यसवंत सिंह द्वारा फकीर चरण परिडा को इस काम के लिए बुलाया गया था जिसे इनके द्वारा डेढ़ करोड़ की लागत में केवल 1 साल में दिन रात कड़ी मेहनत कर तैयार कर दिया था।

मूर्तिकार द्वारा भारत के विविधता से भरी संस्कृति को दिखाते हुए कई प्रकार की मूर्ति पूरे देश के कई संस्थानों, सरकारी भवनों, अश्रमों के लिए बना चुके हैं। उत्तराखण्ड की आजादी के लिए हुए संघर्ष की कहानी को दर्शाते हुआ उनका बनाया मॉडल उत्तराखण्ड के विधानसभा में लगाए जाने की बात भी चल रही है। मूर्तिकार परिडा को उनके हुनर के लिए बड़े बड़े मंचों से पुरस्कृत किया जा चुका है जिसमें उनका संसद भवन के लिए बनाई गयी महाराणा प्रताप की चेतक घोड़े पर बैठी मूर्ति प्रमुख है।


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