बालाघाट। जिले के हट्टा संकुल अंतर्गत आने वाले ग्राम पाथरी के सरकारी स्कूल में पदस्थ सहायक शिक्षक के दोनों हाथ नहीं हैं, फिर भी वह अपने कर्तव्यों के प्रति सजग होकर बच्चों का भविष्य संवारने में लगे हुए हैं जिनके हौसले की उड़ान काबिले तारीफ है। समाज में आज भी ऐसे कई लोग हैं जो आर्थिक, मानसिक अथवा शारीरिक कमी के बावजूद भी जिंदादिल इंसान बनकर लोगों के प्रेरणास्रोत बने हुए हैं इन्हीं में से एक है दिव्यांग शिक्षक राकेश पन्द्रे जिनके दोनों हाथ नहीं होने के बाद भी वह बालाघाट जिले में शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवा दे रहे हैं।
दरअसल राकेश जब दूसरी कक्षा में पढ़ते थे तब घर की छत पर खेलते हुए हाइटेंशन विद्युत लाइन की चपेट में आने के कारण उन्होने अपने दोनों हाथ गवा दिए थे लेकिन अपनी शारीरिक कमी को नजरअंदाज करते हुए राकेश पंद्रे ने मित्रों के सहयोग से एम.ए. हिंदी के साथ साथ डीएड की पढ़ाई पूरी की और साल 2009 में शिक्षक बने तब से वे ग्राम पाथरी के प्राइमरी स्कूल में बच्चों का भविष्य संवारने में लगे हुए हैं।
दिव्यांग राकेश पंद्रे ने शारीरिक कमी को चुनौती देते हुए एक तरीका ईजाद किया और दाएं हाथ में ग्लास की साइज का डब्बा फंसाकर मिटने वाले मार्कर पेन पकड़ कर सफेद बोर्ड के माध्यम से बच्चों को पढ़ाते हैं, जिनके टीचिंग से विद्यार्थी भी काफी खुश हैं।
विदिशा, 29 दिसंबर 2024: भोपाल से बीना और बीना से भोपाल रूट पर चलने वाली… Read More
विदिशा में महिला सशक्तिकरण और उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वुमन्स ग्रुप ऑफ़… Read More
विदिशा जिले की गौशालाएं अब नये स्वरूप में दिखने लगी हैं। जिला कलेक्टर रोशन कुमार… Read More
रीवा जिले के शासकीय हाई स्कूल, जवा के प्रधानाध्यापक मुन्नालाल कोल का शराब पीकर स्कूल… Read More
उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे देखने के बाद,… Read More
Looking for the perfect school to nurture your child’s future? Vatsalya Sr. Sec. School, located… Read More