प्रदेश सरकार हर हाथ में रोजगार देने के लिये कई योजनाएं संचालित कर रही है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से गरीबों की मदद कर रही है, लेकिन झाबुआ जिले में सरकार का भ्रष्ट प्रशासनिक तंत्र योजनाओं के नाम पर गरीबी हटाने के बजाय गरीबों को ही हटाने में जुटा हुआ है। मामला झाबुआ के बस स्टैंड का है जहां कई सालों से चाय का ठेला लगाकर अपना और अपने परिवार का पेट पाल रही एक गरीब विधवा महिला को बेरोजगार कर दिया गया। महिला के चाय के ठेले को रात के अंधेरे में हटा कर उसके स्थान पर सांची पार्लर रख दिया गया। अब महिला अपने रोजगार को लेकर दर-दर भटकने को मजबूर है।
बस स्टैंड के सांची पाइंट को लेकर उठे विवाद के बाद नगर पालिका ने परिषद द्वारा अनापत्ति दिये जाने की बात कही है। नगर पालिका के जिम्मेदारों ने अवैध पाइंट होने की शिकायत के बाद पाइंट लगाने वाले को नोटिस जारी कर अपने दस्तावेज 3 दिनों के भीतर जारी करने को कहा। अन्यथा नगर पालिका पांइट हटाने की कार्रवाई करेगी।
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