Rewa

व्हाइट टाइगर “गोपी” की मौत, कई दिनों से था बीमार

रीवा – व्हाइट टाइगर की नगरी रीवा और यहां के मशहूर वाइट टाइगर बाघों की प्रजाति में सफेद बाघों की अपनी अलग पहचान है। दुनिया में वर्तमान में जहां भी सफेद बाघ हैं उन सब का डीएनए विंध्य और रीवा से जुड़ा हुआ है। पहला जीवित सफेद बाघ मोहन के रूप में पकड़े जाने का दावा है। सफेद बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए रीवा के नजदीक सतना के मुकुंदपुर में बनाए व्हाइट टाइगर सफारी में बाघों का कुनबा तो नहीं बढ़ा लेकिन अब दूसरे चिड़ियाघर से लाए बाघ एक-एक कर मर रहे हैं। हालही में हुई वाइट टाइगर गोपी की मौत ने सभी को चिड़ियाघर प्रबंधन की व्यवस्था पर सोचने को मजबूर कर दिया है|

27 मई 1951 में जब सीधी जिले के कुसमी क्षेत्र के पनखोरा गांव के नजदीक जंगल मे सफेद बाघ मोहन को महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव द्वारा पकड़ा गया था। और मोहन के बाद मोहिनी सुकेशी रानी और राजा सफेद शावक पैदा हुए। मोहन के वंशज सफेद बाघ ने कई अवसरों पर रीवा सहित पूरे विंध्य का गौरव बढ़ाया है, दुनिया में जहां भी सफेद बाघ है उनके वंशजों के चर्चा होगी तो इस क्षेत्र का नाम जरूर लिया जाएगा।वर्तमान में दुनिया की पहली वाइट टाइगर सफारी जो एकलौती मुकुंदपुर में है।

कब की है घटना ?

घटना बुधवार 23 दिसंबर की है जब टाइगर सफारी में फिर नर सफेद बाघ गोपी की मौत हो गई। इसके पहले भी अन्य प्रजाति के बाघों व शावकों की मौत की खबर सामने आ चुकी है। सफेद बाघों का क्षेत्र रीवा जहां एक-एक कर अब सफेद बाघों की मौत हो रही है। सफेद बाघिन राधा की मौत के बाद वर्ष 2018 में मैत्री बाग भिलाई से ही सफेद नर बाघ गोपी व मादा सफेद बाघ सोनम को लाया गया था लेकिन चिड़ियाघर की कू-प्रबंधन के कारण ढाई साल में ही सफेद बाघ गोपी की मौत हो गई। गोपी की मौत के बाद पूरे प्रबंधन में हड़कंप मच गया।

तकनीकों के बावजूद भी हो रही मौतें

गोपी की मौत के बाद सवाल यह उठता है कि जब उच्च तकनीक नहीं थी तब महाराजा मार्तंड सिंह द्वारा गोविंद गढ़ के किले को प्रजनन केंद्र बनाकर दुनिया को वाइट टाइगर की सौगात दी गई और अब जब सब तकनीक है तब बाघों का मरना कहीं ना कहीं चिड़ियाघर प्रबंधन की बड़ी लापरवाही को उजागर करता है।इससे कहा जा सकता है कि कू-प्रबंधन के कारण टाइगर सफारी व चिड़ियाघर बाघो के लिए सुरक्षित नहीं है। वाइट टाइगर गोपी की मौत किन कारणों से हुई इसकी जानकारी पहले तो नहीं मिल पाई थी माना जा रहा था कि ठंडी से बचने के लिए सही इंतजाम नहीं हो पाया जिससे वह बीमार हो गया और कहा गया कि मौत के कारण का खुलासा पीएम रिपोर्ट आने के बाद होगा।

कई दिनों से बीमार था “गोपी”

23 दिसंबर को सफेद बाघ गोपी की अचानक मृत्यु हुई| कहा जाता है कि गोपी को नाइट हाउस की सफाई के लिए सुबह 10:00 बजे बाड़ा में छोड़ा गया 10:00 बजे से 3:00 बजे तक गोपी वहीँ विचरण करता रहा और अचानक दोपहर 3:00 बाड़ा के नोट में दीवार के किनारे आकर लेट गया।गोपी की मौत के बाद जब जांच की गई तो पाया गया कि गोपी कई दिनों से बीमार चल रहा था उसने खाना पीना छोड़ दिया था। गोपी को पिंजरे में डालने के लिए नाईट हाउस के बाड़े में छोड़ा गया था लेकिन वह बाढ़ सेपिंजरे में गया ही नहीं और वहीं दम तोड़ दिया। चिकित्सकों ने गोपी का पीएम किया पीएम में फिर से मृत्यु का कारण रेस्पिरेट्री फैलियर बताया गया। पीएम रिपोर्ट आने के बाद अधिकारियों की मौजूदगी में गोपी का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

अधिकारी रहते है काम से नदारद

हैरानी तो तब होती है जब यह पता चलता है कि चिड़ियाघर में इलाज करने के लिए डॉक्टर नदारद रहते हैं और वह ड्यूटी पर भी नहीं आते तो ऐसे में कहा जा सकता है कि सही समय पर इलाज ना मिलने के कारण अधिकारियों की लापरवाही के कारण वाइट टाइगर गोपी की मौत हुई है। मार्तंड सिंह जूदेव चिड़ियाघर में बाघ और शेर की संख्या घटकर गिनती में रह गई है चिड़ियाघर में पहले 5 सफेद बाघ थे इसमें से राधा और गोपी की मौत हो गई अब सिर्फ सोनम, रघु और विंध्या ही बचे हैं, इसी तरह यलो टाइगर नकुल और दुर्गा को साथ में लाया गया था इसमें से दुर्गा की किडनी फेल होने से मौत हो गई और नकुल और एक रेस्क्यू किया हुआ मादा बाघ ही बचा है।

2020 में 6 की हुई मौत

2020 में मुकुंदपुर से 22 अप्रैल को दुर्गा की मौत हुई 14 मई को भी एक बाघ की मौत हुई, 19 जून को देविका की, अक्टूबर माह में 1 अक्टूबर को दो शावकों की और 23 दिसंबर को गोपी की मौत हुई। साल 2020 में इन सब की मौत यह दर्शाती है की व्यवस्था कितनी लचर है।मार्तंड सिंह जूदेव चिड़ियाघर की छवि पूरे देश में खराब हुई है लगातार हो रही मौत ने पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया |शुरुआत में मुकुंदपुर को आसानी से वन्यजीव मिल गए थे लेकिन अब सेंट्रल जू अथॉरिटी और चिड़ियाघर से वन्यजीव मिलना मुश्किल हो जाएगा। वाइट टाइगर की मौत की भनक लगते ही पूर्व मंत्री राजीव शुक्ला भी मुकुंदपुर पहुंचे थे सफेद बाघों की मौत की जांच के निर्देश भी दिए साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विशेष डॉक्टरों की निगरानी में रिसर्च सेल स्थापित किया जाए।

Recent Posts

प्रेत बाधा, शादी की समस्या का समाधान: श्री चिरोड़िया धाम का अचूक उपाय | Shadi ke upay

विदिशा: मध्यप्रदेश में एक ऐसा आध्यात्मिक स्थल उभर कर सामने आ रहा है, जिसे लोग… Read More

April 7, 2025

शनि गोचर 2025: सभी 12 राशियों पर प्रभाव, उपाय और भविष्यवाणी

वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह (Saturn Planet) को कर्म, अनुशासन और न्याय का प्रतीक माना… Read More

March 28, 2025

पर्चा बनाकर भविष्य बता रहे पंडित अंशुल शास्त्री, श्री चिरोड़िया धाम सरकार में भक्तों की भीड़ लगी

मध्य प्रदेश में आध्यात्मिक स्थलों की चर्चा हमेशा होती रहती है। आपने बागेश्वर धाम सरकार… Read More

March 25, 2025

एमपी कांग्रेस ने सीएम मोहन यादव को बताया ‘कुंभकरण’, भोपाल में हुआ अनोखा प्रदर्शन

भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव और उनकी सरकार के खिलाफ… Read More

March 20, 2025

बागेश्वर धाम में होली की धूम! धीरेंद्र शास्त्री ने भक्तों संग खेली अनोखी होली | Bageshwar Dham Holi

छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम में इस बार Bageshwar Dham… Read More

March 15, 2025

MP Budget 2025: मध्य प्रदेश के बजट में 24 बड़े ऐलान, जानिए पूरी जानकारी

MP Budget 2025 का ऐलान हो चुका है, जिसमें सरकारी योजनाओं, खेल, शिक्षा, और परिवहन… Read More

March 12, 2025