सिवनी। शिक्षा के स्तर को उन्नत बनाने के लिए शासन जहां करोड़ों रुपए का बजट स्वीकृत कर बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाने का प्रयास कर रही है वहीं दूसरी ओर आदिवासी इलाकों में शिक्षा की वस्तुस्थिति सिर्फ इस बात से लगाई जा सकती है कि पूरे 2 साल से स्कूल से नदारद 2 शिक्षकों को बकायदा शासन उनका मानदेय समय पर दे रही है।
मामला सिवनी जिले के धनोरा विकासखंड अंतर्गत प्राथमिक शाला मासूम एवं प्राथमिक शाला बम्होडी का है जहां के 2 शिक्षक लगातार वर्ष 2016 से स्कूल ही नहीं पहुंचे और उपस्थिति पंजी में नदारद होने के बावजूद उन्हें मानदेय निरंतर दिया जा रहा है।
बता दें कि प्राथमिक शाला मासूम में पदस्थ शिक्षक मंत्री सिह बरकड़े एवं प्राथमिक शाला बम्होडी में पदस्थ प्रदुमय धुर्वे, यह दोनों शिक्षक लगातार शासकीय व्यवस्थाओं को चुनौती देते हुए स्कूल से नदारद हैं।
इस मामले में जनपद पंचायत उपाध्यक्ष एवं दोनों स्कूल के पलक शिक्षक संघ अध्यक्षों ने लगातार जनपद पंचायत धनोरा, बीआरसी धनोरा एवं शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को लिखित रूप से शिकायत की है, बावजूद इसके इन दोनों शिक्षकों पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी।
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