Editorial : देश में चर्चाओं का दौर जारी है कि लाॅकडाउन क्या और बढ़ेगा? लेकिन आखिर आपके मन में एक सवाल यह और उठना चाहिए कि आखिर सरकार यह किस के लिए कर रही है? आपके ही लिए। ऐसे में लाॅकडाउन एकदम नहीं खोले जाने की बात विशेषज्ञ कह रहे हैं। विशेषज्ञों की माने तो एक दम लाॅकडाउन खुला तो व्यक्ति बड़ी संख्या में बाहर आएंगे, और यदि ऐसा हुआ तो कोरोना के केस काफी अधिक मात्रा में बढ़ सकते हैं। माना जा रहा है जहां हाॅटस्पाॅट है वहां सर्विलांस की काफी जरूरत है, और यह तभी संभव है जबकि 14 अप्रैल को खत्म होने वाले लाॅकडाउन को आगे बढ़ाया जाए। वहीं लाॅकडाउन की तारीख यदि बढ़ती है तो मरीजों को चुनने का काफी समय मिल सकेगा जबकि भारत में कोरोना के केस में काफी हद तक गिरावट लाई जा सकती है। देश के बड़े डाॅक्टरों द्वारा निरंतर लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की अपील की जा रही है, जिससे कम्यूनिटी स्प्रेड ना बढ़ सके।
वहीं 8 अप्रैल बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस पर राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक की और कोरोना वायरस के संक्रमण से उपजे हालात पर चर्चा की। इस दौरान नेताओं ने लॉकडाउन पर अपने सुझाव, फीडबैक पीएम मोदी को दिए और आगे की रणनीति की चर्चा की। राजनेताओं के साथ बातचीत के बारे में बताते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि राज्यों, जिला प्रशासन और विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन का विस्तार किया जाए। पीएम मोदी ने देश के हालात की तुलना सोशल इमरजेंसी से की। उन्होंने कहा कि देश कठिन फैसले लेने को मजबूर हुआ है।
प्रधानमंत्री के साथ संवाद में नेताओं ने महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में देश की क्षमता बढ़ाने के लिए आर्थिक और अन्य नीतिगत उपाय करने के बारे में भी चर्चा की और लॉकडाउन की समाप्ति पर इसे चरणबद्ध ढंग से हटाने और लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाने के बारे में सुझाव दिए। मोदी ने कहा कि मौजूदा समय में पूरी दुनिया कोविड-19 की गंभीर चुनौती का सामना कर रही है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, मोदी ने कोविड-19 पर सर्वदलीय बैठक में नेताओं से कहा कि स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ जैसी है, कड़े निर्णय लेने की जरूरत है और हमें सतर्क रहना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि राज्य, जिला प्रशासन और विशेषज्ञों ने वायरस को फैलने से रोकने के लिये लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव दिया है और सरकार की प्राथमिकता जीवन को बचाने की है।
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