विशेष लेख, 6 जून। देश के सबसे बढ़े गढ़ उत्तर प्रदेश में अगले साल यानी 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में, लगभग 7 से 8 महिने पहले ही राजनीतिक पार्टियों ने उत्तरप्रदेश पर फतह हासिल करने के लिए कावयद शुरू कर दी है। उत्तरप्रदेश की राजनीति में सक्रीय हर पार्टी की गतिविधियों पर चर्चा के इस क्रम में बताएंगे कि 2022 के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक के खेल की ज़मीन, आखिर किस तरह तैयार हो रही है।
इस समय उत्तरप्रदेश में बीजेपी की सरकार का राज है। 2022 के चुनाव के लिए सत्ता और संगठन में तालमेल बैठाने के लिए भाजपा का शीर्ष नेतृत्व बैठकें कर रहा है। योगी आदित्यनाथ सरकार के कामकाज की समीक्षा ज़ोरों से हो रही है। बीजेपी उत्तरप्रदेश के चुनाव में किसी भी तरह का खतरा मोल नहीं लेना चाहती, इसलिए अगले चुनाव भी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़े जाने की संभावनाएं है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पार्टी की सबसे बड़ी सफलता है और ज़ाहिर सी बात है कि बीजेपी इस कार्ड को जरूरी खेलेगी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं, असम सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सफाया हो चुका है तो वहीं यूपी में भी अपना ज़मीनी आधार खो चुकी कांग्रेस एक बार फिर अपनी जड़ों को मज़बूत करने का ठिकाना ठूंढ रही है। अब पुराने कार्यकर्ताओं को बड़ी जिम्मेदारी देकर सक्रिय करने का काम किया जा रहा है। प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी उत्तरप्रदेश विधानसभा के चुनावी मैदान में उतरेगी लेकिन यदि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कुछ बेहतर नहीं कर पाई तो इसका सीधा असर प्रियंका गांधी की छवि और लोकप्रियता पर पड़ेगा।
उत्तरप्रदेश की सत्ता में रही समाजवादी पार्टी भी कहीं ना कहीं पार्टी के लाॅयल नेताओं को जिम्मेदारी सौंपकर अपनी सक्रीयता दिखा रही है। पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने छोटी पार्टियों को अपने पाले में लाना शुरू कर दिया है आरै फिलहाल बड़ी पार्टियों से दूरी बनाकर चला जा रहा है। 2017 में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। लोकसभा चुनाव के बाद से अब तक बीएसपी को छोड़कर तकरीबन दो दर्जन से ज्यादा सीनियर नेता समाजवादी पार्टी का दामन थाम चुके हैं।
बहुजन समाज पार्टी में फिल्हाल कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर संगठन की पेंच कसते हुए पार्टी के दो वफादार नेता लालजी वर्मा और राम अचल राजभर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का इस निर्णय पर मानना है कि मायावती, चुनाव से पहले कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाहतीं है इसलिए अभी से पार्टी के असंतुष्ट और दागी चेहरों को पार्टी से निष्काषित किया जा रहा है।
नई दिल्ली में सत्ता की कमान थामे अरविंद केजरीवाल अब आम आदमी पार्टी का रूख यूपी चुनाव में भी करने वाले हैं। यूपी पंचायत चुनाव के दौरान जिला पंचायत सदस्यों की 83 सीटों पर जीत हासिल करने से आम आदमी पार्टी में खासा उत्साह है जिसके चलते अब विधानसभा चुनाव लड़ाने का ऐलान भी पार्टी ने कर दिया है। चर्चा में है कि पार्टी अपने लोकप्रिय जिला पंचायत सदस्यों को 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ाएगी।
हालांकि राजनीतिक बातों से परे चुनाव आयोग ने वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव समय पर कराने का भरोसा दिया है।
रिपोर्ट: कमलेश शर्मा | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने रतलाम… Read More
विदिशा, 14 सितंबर 2024: विदिशा के वात्सल्य परिवार द्वारा आयोजित वात्सल्य गणपति महोत्सव 2024 का… Read More
विदिशा की प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्राची गुप्ता का जन्मदिन विदिशा के व्यापारियों, वूमंस… Read More
विदिशा के CIIT (Cornell Institute of Information Technology) कॉलेज में गणपति महोत्सव के अवसर पर… Read More
अशोकनगर के समाजसेवी अंशुल महाराज का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया, जिसमें युवाओं और उनके… Read More
विदिशा, 11 सितंबर। वात्सल्य गणपति महोत्सव 2024 के पांचवें दिन विद्यालय में विशेष कार्यक्रम आयोजित… Read More