भारतीय ISRO के चंद्रयान 2 के चांद पर कदम रखने में कुछ ही दूरी पर दुर्भाग्यवश संपर्क टूट गया जिससे पूरे इसरो सेंटर में मायूसी छा गई। बता दें कि काफी समय पहले से ही चंद्रयान 2 की चंद्रमा पर साॅफट लैडिंग को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही थी। चंद्रयान 2 के चंद्रमा की सतह पर असल लैंडिंग मिशन शुरू होने के लगभग आधा घंटे के इंतजार के बाद 2 बजकर 17 मिटन पर इसरो के चेयरमेंन ने आॅफिशियली बयान दिया कि 2.1 किलोमीटर एटीट्यूड तक विक्रम लैंडर का नाॅमर्ल परफोरमेंस रहा लेकिन उसके बाद विक्रम लैंडर से संपर्क टूटा और कम्यूनिकेशन नहीं हो सका। हालांकि इसके बाद इसरों के वैज्ञानिक डेटा एनलाइज करने के प्रयास में लगे हुए हैं।
बता दें कि पूरे देश के साथ ही दुनिया की नजर भारत के मिशन चंद्रयान-2 पर टिकी हुई हैं, और अभी भी भारतीय वैज्ञानिक डाटा एनेलाइज करने में लगे हुए हैं। विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने की मुख्य वजह वेलोसिटी की गति में कमी नहीं होना बातई जा रही है। चंद्रयान 2 की अभी तक जो रिपोर्ट आ रही थी वह इलेक्ट्रोनिक सिंगनल के आधार थी लेकिन एक्चुअल में क्या हुआ इसका इमेजरी रिपोर्ट, संपर्क टूटने के कारण नहीं आ सकी, जिसके एनेलाइज करने में इसरो के वैज्ञनिक लगे हुए हैं।
वहीं लगभग 2ः20 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों से विदाई लेते हुए उनका उत्साहवर्धन किया। प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों को बी करेजियस कहकर उत्साह बढ़ाया। पीएम मोदी बोले कि यह छोटा एचीवमेंट नहीं है और देश आप सभी पर गर्व करता है, मोदी ने कहा कि इस मेहनत ने काफी कुछ सिखाया है और यदि चंद्रयान 2 से फिर से कम्यूनिकेशन हुआ तो बहुत सारी चीजें सामने आएंगी, हालांकि पीएम मोदी ने सभी को इस पड़ाव तक पहुंचने के लिए बधाई दी और पूरी तरह साथ रहने तथा हिम्मत के साथ सभी को चलने की बात कही। वहीं 2ः35 बजे प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए भी इसरो वैज्ञानिकों का उत्साह बढ़ाया।
- चंद्रमा की सतह से सिर्फ 2 किलोमीटर दूर था चंद्रयान-2
- इसरो चेयरमेन ने 2ः17 बजे संपर्क टूटने की पुष्टि की
- 2.1 किलोमीटर तक विक्रम लैंडर का नाॅर्मल परफोरमेंस रहा: इसरो
- डाटा एनलाइज के प्रयास में लगे इसरो वैज्ञाानिक
- इस मेहनत ने काफी कुछ सिखाया: पीएम मोदी
- ‘बी करेजियस’ वैज्ञानिकों से बोले पीएम मोदी