भोपाल। देश के पहले विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन हबीबगंज का नाम बदलकर अब रानी कमलापति के नाम पर कर दिया गया है। बीते दिन प्रदेश सरकार ने नाम बदलने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था और 15 नवबंर को पीएम मोदी के आने से पहले इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है।
भोपाल में बना देश का पहला वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन हबीबगंज नए रूप में बनकर तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को इसका लोकार्पण करेंगे। साथ ही हबीबगंज स्टेशन का नाम बदल सकता है। वहीं इसके पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर स्टेशन का नामकरण किए जाने की चर्चा थी लेकिन सरकार ने आदिवासी कार्ड खेल दिया है।
बता दें रानी कमलापति भोपाल की अंतिम गोंड आदिवासी शासक निजाम शाह की रानी थीं। इतिहास कारों के मुताबिक 1710 के आस पास गोंड राजा निजाम शाह ने बड़ी झील के किनारे भील और गोड़ आदिवासियों की बस्ती बसाई थी। निजाम शाह की हत्या के बाद रानी कमलापति भोपाल आ गई थीं। भोपाल के कमला पार्क स्थिति रानी कमलापति का एक महल भी है जिसकी1989 से पुरात्तव सर्वेक्षण देखरेख कर रहा है।
कौन हैं रानी कमलापति ? –
गौंड राजा निजाम शाह की कमलापति रानी थीं। गोंड सरकार निजाम शाह की 7 पत्नियों में से एक रानी कमलापति थी जिन्होने 1710 में भोपाल की बड़ी झील के आस पास भील और गोंड बस्ती बसाई। वहीं निजाम की हत्या के बाद बेटे के साथ रानी कमलापति भोपाल आईं थीं। लालघाटी पर रानी कमलापति के बेटे नवल शाह और खान का युद्ध भी हुआ था। भोपाल के कमलापार्क में रानी कमलापति का महल भी बना हुआ है जो कि दो मंजिल ऊपर और तीन मंजिल तालाब के अंदर तक निर्मित है। कमलापति महल 18वीं सदी की शुरुआत में वास्तु का एक अनोखा उदाहरण माना जाता है। वहीं 1989 से यह महल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देख रेख में रखा गया है।