सिवनी। इतनी पढ़ाई के बाद लाॅकडाउन में जब कोई रोजगार नहीं मिला तो अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिए एक बीए पास अतिथि शिक्षक ने मजदूर का रास्ता चुन लिया है। जिन हाथों में एक महीने पहले तक कलम हुआ करती थी, तो वहीं लाॅकडाउन के कारण आज वहीं हाथ मिट्टी ढोने को मजबूर हैं।
दरअसल मामला 26 वर्षीय सरमन इनवाती एक प्राथमिक शाला में अतिथि शिक्षक थे लेकिन प्रदेश शासन ने 30 अप्रैल को सभी अतिथि शिक्षकों को कार्यमुक्त कर दिया, जिससे सरमन की नौकरी चली गई और अब वह बेरोजगार हो चुके हैं जिसके बाद अब सरमन इनवाती ने अपने गांव में ही मनरेगा में मजदूरी शुरू कर दी।
सरमन ने बताया, अतिथि शिक्षक के तौर पर 5 हजार रुपए महिना वेतन मिलता था और अब 180 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी मिल रही है। हालांकि लाॅकडाउन में ऐसे कई लोग देखे जा रहे है जो अपने कार्य को छोड़कर अब मजदूरी के रास्ते पर उतर चुके हैं।
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