कई घरों में नहीं बने शौचालय, जहां बने वे भी अनुपयोगी

सिवनी। समग्र स्वच्छता अभियान के तहत संपूर्ण भारत में केंद्र सरकार द्वारा स्थानीय निकायों के माध्यम से बनाए गए शौचालयों की हकीकत अब खुद व खुद निकलकर सामने आ रही है। सिवनी जिले के कई ग्राम आज भी ऐसे है जहां एक भी घर में शौचालय निर्माण नहीं हुआ है लेकिन कागजों में शौचालय का निर्माण पूर्ण होना दर्शा दिया गया।

शौचालय निर्माण के दौरान निर्माण एजेंसी द्वारा विधिवत रूप से काम न किए जाने के कारण कई ग्रामों में शौचालय उपयोग में नहीं लिए जा रहे हैं। बहुताय देखने में आता है कि बनाए गए शौचालयों में कहीं सेप्टिक टैंक नहीं है, कहीं पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है, तो कहीं सिर्फ चार दिवारी खड़ा कर शौचालय का स्वरूप मात्र दे दिया गया है, जिसके कारण उनका उपयोगी नहीं हो पाता है जिसके बाद ग्रामीण अपनी गृहस्थी का सामान उन अधूरे शौचालयों में रखकर स्टोर रूप में रूप में उपयोग कर रहे हैं।

योजना की जमीनी हकीकत जानने जब मौके मुआयने पर हमारी टीम ग्रामीण इलाकों में पहुची तो बहुत से ऐसे लोगो ने ग्रामीणों ने बताया कि उनके घरों में शौचालय बने ही नही है जबकि कहीं निर्माण हुआ भी है तो अधूरा होने के कारण उनका उपयोग नहीं किया जा रहा है।

ग्राम सालेपानी के सरपंच बखत लाल कुर्याम ने स्वयं स्वीकारा है कि उनके ग्राम पंचायत में अभी तक शौचालय निर्माण नहीं हुआ है लेकिन कागजों में शौचायल निर्माण पूर्ण होना दर्शाया दिया है। वहीं जब इस मामले में शिकायत की गई तो कोई भी सुनवाई नहीं हुई।

वहीं घंसौर जनपद पंचायत सीईओ उषाकिरण गुप्ता ने बताया कि जिनके शौचालय नहीं बने है उनका नाम सूची में जोड़ लिया गया है। जानकारी दी गई कि जिनको स्वीकृति है उन्हे अगस्त माह तक निर्माण का समय दिया गया है। हालांकि कागजी रिकाॅर्ड में शौचायल निर्माण पूर्ण होना दर्शाने के सवाल पर अधिकारी ने साफ तौर पर इंकार कर दिया।

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