उज्जैन। जिले के नागदा से चार धाम की यात्रा पर रवाना हुए श्रद्धालुओं के जत्था सकुशल वापस लौट आया है। बता दें कि श्रद्धालुओं द्वारा सावरियां सेठ, शनि मंदिर, आवरी माता, चित्तौड़, बड़े सांवरियां जी और चार भुजा धाम के दर्शन किए गए।
उज्जैन जिले के नागदा दुर्गापूरा शिव मंदिर से शुरू हुई यात्रा का पहला पड़ाव सांवरिया सेठ मंदिर का रहा जिस दौरान जगह जगह श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन होकर श्रद्धालु नाचते गाते दिखे। दर्शन के बाद आवरी माता मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं ने रहसमई कथाओं को जाना और शनि मंदिर पहुंचकर शनि देव के दर्शन किए।
इसके बाद श्रद्धालु चित्तौड़ पहुंचे जहां महाराणा प्रताप के पिता उदयसिंह के किले सहित महारानी पदमावती के बारे में जानकरी जुटाई गई। किला दर्शन के बाद श्रद्धालु
सवारियां जी के मंदिर पहुंचे जिस दौरान पुजारी ने बताया की एक पानी की बावड़ी में तीन मूर्तिया निकली थी, जबकि जिस भूमि से मूर्तियां निकली थी उस जमीन के मालिक को सवारियां सेठ ने सपने में आकर दर्शन भी दिए थे जिसके बाद मंदिर की स्थापना की गई।
वहीं सांवरिया जी के दर्शन बाद श्रद्धालुओं का काफिला चार भुजा मंदिर पहुंचा। बताया गया कि जब पांडव अज्ञात वास पर निकले थे तब इस मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा करवाया गया था जिस मंदिर की पूजा वर्षों से गुर्जर समाज द्वारा की जा रही है।
हालांकि लौटते समय एक मंदिर में पत्थरों से बनी ब्रह्मा, विष्णु, महेश की मूर्तियों के दर्शन भी किए गए, जिस मंदिर में महाराणा उदयवीर सिंह द्वारा स्वयं पूजा किए जाने की बात कही जाती है।
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