सिर्फ राहुल गांधी ही ऐसे पहले नेता नहीं हैं जिनको सजा मिलने के बाद अपनी लोकसभा की सदस्यता खोनी पड़ी हो. इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां अलग अलग पार्टी के सांसद विधायकों को कोर्ट से किसी ना किसी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा सुनाए जाने के बाद अपनी सदस्यता खोनी पड़ी थी. आखिर वो कौन कौन से नेता हैं ? आइए जानते हैं.
- 2013 में लालू यादव को चारा घोटाला से जुड़े मामले में सजा सुनाए जाने के बाद सांसद की सदस्यता खोनी पड़ी थी.
- तमिलनाडु की सीएम रहीं जे.जयललिता को 2014 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. हालांकि उनका दिसम्बर 2016 को निधन हो गया था.
- आरजेडी के विधायक रहे अनिल सहनी को भी साल 2022 में धोखाधड़ी के एक मामले में तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद बिहार विधानसभा की सदस्यता खोनी पड़ी थी.
- यूपी मुजफ्फरनगर की खतौली सीट से बीजेपी विधायक रहे विक्रम सैनी की सदस्यता भी 2022 में रद्द हो गई थी. उनको 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के मामले में दो साल की सजा सुनाई गई थी.
- यूपी की बांगरमउ सीट से बीजेपी विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर को 2020 में रेप से जुड़े मामले में दोषी करार दिया गया था जिसके बाद उनको अपनी सदस्यता खोनी पड़ी थी.
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- पटना की मोकामा सीट से आरजेडी विधायक रहे अनंत सिंह को हथियारों की रिकवरी से जुड़े मामले में दोषी पाए जाने के बाद 2020 में बिहार विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
- हरियाणा की काल्का सीट से कांग्रेस विधायक रहे प्रदीप चौधरी को जनवरी 2021 में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. असॉल्ट के एक मामले में उनको तीन साल की सजा सुनाई गई थी.
- समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को 2019 के हेट स्पीच से जुड़े मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई थी. जिसके कारण साल 2022 में उनको यूपी विधानसभा की सदस्यता खोनी पड़ी.
- आजम खान के बेटे और समाजवादी पार्टी के रामपुर जिले की स्वार सीट से विधायक अब्दुल्ला आजम खान को 15 साल पुराने एक मामले में दो साल की सजा सुनाई जाने के बाद 2023 में विधनासभा की सदस्यता खोनी पड़ी.
बता दें कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई है. यानि अब वो सांसद नही है और वो आने वाले 6 सालों तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. लेकिन राहुल गांधी के पास आखिर अब क्या रास्ता बचा है, आइए जानते हैं. राहुल गांधी पर मोदी सरनेम को लेकर मानहानि का केस दर्ज कराया गया था जिसके बाद बीते दिन सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी, वहीं आज लोकसभा ने कानून के तहत राहुल गांधी की सदस्यता खत्म कर दी. हाई कोर्ट के वकील पंकज दुबे ने बंसल न्यूज़ को बताया कि ये कानून का प्रावधान है कि लोकसभा सदस्य के खिलाफ 2 या दो साल से ज्यादा की सजा सुनाए जाने पर अपनेआप ही सदस्यता खत्म हो जाती है. वहीं राहुल गांधी को कोर्ट ने जेल ना भेजते हुए अपील करने की मोहलत दी है. लेकिन 2 साल की सजा पर स्टे के लिए राहुल गांधी को उच्च नयायालय का दरवाजा खटखटाना होगा. और यदि वहां उनके पक्ष में फैसला सुनाया जाता है तो उनकी सीट सुरक्षित बच सकेगी.
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