विशेष लेख, 8 जून। 8 महिने बाद उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं और शायद यूं कहें कि 2024 के लोकसभा चुनाव की राणनीति लखनऊ से ही शुरू होगी। हालल ही में नरेन्द्र मोदी ने केन्द्र में अपने कार्यकाल के सात साल पूरे कर लिए हैं, अब सामने 2022 के उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव हैं लेकिन कहीं ना कहीं कोरोना काल में मोदी सरकार की छवि जनता की निगाहों में गिरी है। जनता को सरकार की ओर रूख कराने के लिए बीते दिन नरेन्द्र मोदी ने देश को लगभग 33 मिनट तक संबोधित भी किया और ऐसे प्रयास निरंतर जारी रहने वाले हैं क्योंकि बीते कुछ सालों में केन्द्र सरकार द्वारा लिए गए कुछ फैसलों से जनता में कहीं ना कहीं असंतोष है।
पीएम मोदी ने लोगों को आत्मनिर्भर बनने का मंत्र दिया और कोरोना कल में लोग बेरोजगारी और गरीबी की ओर चले गए। एक ओर देश में गहराया आॅक्सीन और दवाईयों का संकट तो दूसरी ओर उत्तरप्रदेश की गंगा में तैरती लाशों के कारण योगी समेत मोदी सरकार की छवि पर इसका गहरा असर पड़ा है ऐसे में ज़ाहिर सी बात है कि उत्तरप्रदेश चुनाव में विपक्षीय दल इसका पूरा फायदा उठाएंगे।
कोरोना काल के बीच ही बंगाल चुनाव में बीजपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कराई। उत्तरप्रदेश के चुनाव के लिए भी 8 महिने पहले से बैठकों का दौर शुरू हो चुका है और योगी आदित्यनाथ के नेतृतव में ही चुनाव लड़ने का फैसला लिया जा चुका है लेकिन गौर करने वाली बात है कि आखिर कोरोना काल के कारण आमजनता की टूटी कमर और व्याप्त आक्रोश को आखिरकर बीजेपी किस तरह मरहम लगाएगी यह देखना काफी रोचक होगा।