हरिद्वार। सार्वजनिक पुस्तकालय में हजारों की संख्या में बेशकीमती पुस्तकों में दीमक लग चुकी है लेकिन शासन-प्रशासन का ध्यान इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है। दरअसल वर्षों पहले मुख्य शिक्षा अधिकारी के कार्यालय परिसर में लाखों रूपयों की लागत से लोगों के पढ़ने के लिए सार्वजनिक पुस्तकालय का निर्माण किया गया था लेकिन आज इस पुस्तकालय की बदहाली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां ना तो कोई देखरेख करने वाला है ना ही कोई प्रबंधक है। VIDEO