हरिद्वार में सुबह 4 बजे से शुरू हुआ कार्तिक पूर्णिमा स्नान, बड़ी संख्या में पहुंचे लोग

हरिद्वार। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर धर्मनगरी हरिद्वार में हरकीपैड़ी पर स्नान करने वालो का जन सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही दूर दूर से श्रद्धालुओं ने हरिद्वार पहुंचकर हरकी पैड़ी पर माँ गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमाया। श्रद्धालुओं का मानना है कि गंगा में स्नान करने से सुख सम्रद्धि आती है और पापो से मुक्ति मिलती है। स्नान के मद्देनजर पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए। सुरक्षा के लिहाज से समस्त मेला क्षेत्र को 9 ज़ोन और 32 सेक्टर में बांटा गया है करीब डेढ़ हज़ार का पुलिस बल मेले में लोगो की सुविधा और सुरक्षा के लिए लगाया गया है। हालांकि बड़ी संख्या में देश विदेश से श्रद्धालुओं ने पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई।

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच तीर्थ नगरी हरिद्वार मे कार्तिक पूर्णिमा का स्नान सुबह चार बजे से ही शुरु हो गया। ठंड के बावजूद लाखो श्रद्धालुओ ने गंगा के जल मे डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। हरकी पौड़ी पर स्नान का सिलसिला जारी है स्नान पर्व को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबन्ध किए गए है. ज्योषियो की माने तो आज के दिन गंगा स्नान करने से जंहा लोगो के पापों का नाश होता है वही मानव की काया भी निरोगी हो जाती है। आज ही के दिन सिखों के धर्म गुरु गुरुनानक देव का प्रकाश उत्सव भी मनाया जाता है।

मान्यता है कि साल भर के बारह महीनों में कार्तिक मास को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस महीनें में शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन से पूर्णिमा तक के पांच दिनों को काफी खास माना जाता है। एकादशी के दिन को भगवान विष्णु शयन से बाहर आते है और इस दिन को देवोत्थान एकादशी कहा जाता है। इस दिन से शादी विवाह सहित सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते है। इन पांच दिनों को ज्योतिष पंचक कहते है और कहा जाता है इन पांच दिनों तक व्रत रखकर गंगा स्नान करना चाहिए। पुराणों में भी कहा गया है कि जो व्यक्ति पूरे साल भर गंगा स्नान नही कर पाता है वह कार्तिक की पूर्णिमा के केवल एक दिन भी गंगा में स्नान कर ले तो उसे उसे पूरे साल भर के गंगा स्नान के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है।कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर हरिद्वार में आस्था की ङुबकी लगाने के लिए की संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैँ।

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