फर्रूखाबाद। जिले के सबसे बड़े राममनोहर लोहिया अस्पताल के एनआरसी बार्ड में दस बेड कुपोषित बच्चों के लिए आरक्षित है लेकिन जिले में कुपोषित बच्चों की भरमार के कारण एक बेड पर तीन बच्चों को लिटाया जा रहा है जबकि कई बच्चों का उपचार करने से भी मना कर दिया जाता है। जानकारी के मुताबिक एक दिन में कुपोषित बच्चों की संख्या 41 तक हो जाती है। जिसके चलते एक माह पहले अस्पताल में भर्ती रहे बच्चे को दोबारा भर्ती नहीं किया जाता है और रेफर किया जाता है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि एनआरसी वार्ड में सिर्फ 10 बेड हैं। लेकिन ओव्हर लेपिंग बच्चों को प्राइवेट वार्ड में भेज दिया जाता है। वहीं पिछले दिन एक कुपोषित बच्चे की हुइ मृत्यु के संबंध में सीएमएस ने बताया कि जगह की कमी के कारण बच्चे को प्राइवेट वार्ड में भेजा गया लेकिन गंभीर स्थिति होने के कारण बच्चे को वापस नीचे भेजा गया और फिर सीएमएस के कहने पर हाई सेंटर रेफर करने की तैयारी की गई लेकिन तब तक बच्चे की मृत्यु हो गई।
हालांकि गंभीर बच्चों को पहले ही सही इलाज मिलने से स्थिति में सुधार किया जा सकता है। लेकिन राममनोहर लोहिया अस्पताल में एनआरसी वार्ड और प्राइवेट वार्ड के बीच चल रहे ट्रांसफर के खेल के कारण आखिरकर बीते दिन एक बच्चे कीमृत्यु हुई। अब देखना होगा कि व्यवस्थाओं में कुछ सु धार होगा या फिर यह आलम जारी रहेगा।