पलासिया। इंदौर जिले के पलासिया में भागवत कथा के पहले दिन कलश यात्रा का आयोजन किया गया। बता दें कि भागवत कथा का वाचन पंडित जीतेन्द्र पाठक द्वारा किया जाएगा। वहीं कलश यात्रा के दौरान भक्ति गीतों के बीच अश्वनृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। विभिन्न मार्गों से होकर गुजरी यात्रा में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पहले दिन की कथा में आचार्य ने भागवत के महत्व पर प्रकाश डाला।
भागवत कथा मे पं जितेंद्र पाठक भागवत आचार्य पाल काँकरिया वाले ने कहा कि धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए भगवतप्रेमियों के बीच सत्संग जरूरी है। सत्संग से ही हमारी संस्कृति बची हुई है। यदि धर्म का लोप हो जाएगा और धार्मिक कार्यक्रम बंद हो जाएंगे तो हमारी संस्कृति का भी लोप हो जाएगा। धर्म संस्कृति बचाने के लिए भागवत कथा का रसपान जरूरी है। भागवत कथा के एक-एक शब्द पूरे समाज को संस्कारित जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त करते है।
आचार्य ने कहा कि भागवत कथा की कथाएं अनंत है। जिसके सुनने के लिए हमारा जीवन भी कम पड़ जाएगा लेकिन जितना भी अधिक से अधिक समय निकालकर कथा का श्रवण किया जाए उतने से ही श्रोता का जीवन धन्य हो जाता है। भगवान की कथा से सुनने मात्र से ही व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते है। कुत्सित विचारों का पलायन होने लगता है। सद् विचार मनुष्य को संस्कारित जीवन जीने के साथ परमात्मा के प्रति समर्पण की भावना पैदा कर देते है। इस मौके पर आस पास के गाँव के तमाम लोग मौजूद रहे।