भारत की पहली Alopecia Survivor महिला की कहानी… जानें कौन हैं केतकी जानी

समाज में औरतों को काफी सम्मान की नजरों से देखा जाता है. लेकिन जिस औरत के ​सिर पर बाल ना हो तो आप समझ सकते है कि उस महिला को किस नजर से देखा जाता है, इस बात से आप भली भांती परिचित होंगे. हम बात कर रहे है पुणे की रहने वाली 52 साल की महिला केतकी जानी की, जो दो बच्चों की मां है जिनको एलोपेसिया नाम की बीमारी है… इस बीमारी में इंसान के शरीर के सारे बाल चले जाते है और जीवन में कभी वापस नहीं आते है…

बीमारी बनी पहचान

केतकी जानी बताती हैं कि करीब 12 साल पहले उन्हें उनके सिर पर एक पैच नजर आया, जहां बाल नहीं थे। पहले तो उन्हें लगा की कुछ होगा, इसके बाद उन्होंन डॉक्टर को दिखाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जिसके बाद धीरे धीरे उनके बाल जाने लगे। इसके बाद उनमें एलोपेसिया की बीमारी की पुष्टि हुई.

5 साल डिप्रेशन में रही केतकी

केतकी बताती है कि जब उन्हें इस बीमारी के बारे में पता चला तो शुरूआत में उन्होंने सोचा की ऐसा कुछ नहीं है. दवाईयां लेने के बाद सबकुछ ठीक हो जाएगा. लेकिन उनकी बीमारी गंभीर थी और 6 से 8 महीने के अंदर ही सारे बाल चले गए… केतकी बताती हैं कि वो डिप्रेशन में आ गई और करीब 5 साल तक डिप्रेशन में रही।

केतकी ने फांसी लगाने की भी कोशिश की

केतकी बताती है कि शुरुआत में उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें। लोगों ने उन्हें ताने देना शुरू कर दिया था। पति का भी उन्हें सपोर्ट नहीं मिल रहा था। लोग कहने लगे की उन्हें कैंसर हो गया है। तुम मरने वाली हो। तो कोई कहता की तुमने पाप किए है इसलिए भगवान ने उनके बाल ले लिए…. ऐसे में उन्होने पंखे से लटककर फांसी लगाने की तैयारी कर ली… लेकिन बच्चों का ख्याल आने पर वो रूक गई…

हालांकि आज इस बीमारी से लड़ते हुए केतकी को 12 साल हो चुके हैं… केतकी ने अब तक अपने सिर पर कई टैटू बनवा लिए हैं… और उनके नाम के साथ कई उपलब्धियां भी जुड़ चुकी हैं… केतकी कहती है कि अब उनकी जिंदगी सामान्य महिलाओं की तरह ऑफिस और घर के कामों में बीत रहा है.

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