बालाघाट में किसान आंदोलन, भाजपा नेता भी हुए शामिल, पुलिस ने रोका तो दिया धरना

बालाघाट। प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर किसानों से किये गये वचन पत्र में वादे को लेकर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुये किसान आंदोलन का आयोजन बालाघाट में किया गया जिसमें पूर्व सीएम शिवराज सिंह भी शामिल हुए। वहीं रैली लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपने जा रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने विश्वेश्वरैया चैक रोक लिया जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने ज्ञापन सौपने के बजाय एक घंटे तथ धरना दिया।

प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर किसानों से किये गये वचन पत्र में वादे को लेकर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुये किसान आंदोलन का आयोजन बालाघाट में किया गया था। किसान बैलगाड़ी में सवार होकर आंदोलन में पहुंचें थे। जनसभा के बाद प्रशासन को ज्ञापन सौंपने के लिये  रैली के माध्यम से कलेक्ट्रेट के लिये रवाना हुये। लेकिन प्रदर्शनकारियों को बीच में ही विश्वेश्वरैया चौक में रोक दिया गया। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा। कुछ देर तक गहमागहमी का माहौल रहा। लेकिन पूरा आंदोलन शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गया।

यहां पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ज्ञापन सौपने के बजाय एक घंटे का धरना प्रदर्शन किया। जिसमें पूर्व मंत्री व विधायक गौरीशंकर बिसेन, सांसद बोधसिंह भगत, महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती लता एलकर, विधायक रामकिशोर कावरे सहित भाजपा के जनप्रतिनिधि व पदाधिकारी मौजूद रहे।

बैलगाड़ी में सवार होकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने रैली का नेतृत्व किया। शिवराजसिंह ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने सभी किसानों का कर्ज माफ करने का वचन दिया है। लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं किया जा रहा है। सरकार सभी किसानों का कर्ज माफ कर अपना वचन निभाए। शिवराज सिंह ने किसानों की धान उपज का 25 सौ रूपये प्रति क्ंिवटल दर देने की मांग भी की। उन्होने कहा कि वह धरना पर बैठकर मुख्यमंत्री तक बातें पहुंचाना चाहते हैं कि वह किसानों से किये गये वादे को पूरा करे व सभी किसानों का 2 लाख रूपये तक का कर्ज माफ करें। अन्यथा प्रदेश स्तर पर आंदोलन की शंखनाद किया जायेगा।

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