कोरोना काल में पीथमपुर के उद्योग प्रभावित
पीथमपुर। मध्य प्रदेश का सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर, श्रमिकों की कमी के कारण जूझ रहा है। एक तरफ कोरोना महामारी के चलते लाखों लोग बेरोजगार हो चुके हैं तो वहीं दूसरी ओर औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में श्रमिकों की कमी से उत्पादन ठप होने की दिशा में हैं।
- श्रमिकों की कमी से बड़ी मात्रा में उत्पादन ठप
- कोरोना काल में श्रमिकों की आई कम
- उद्योगों को चलाने में श्रमिकों की जरूरत
- घर लौटे श्रमिकों को उद्योगों में वापस बुलाया जा रहा
पीथमपुर के प्रतिभा सिंटेक्स लिमिटेड एचआर हेड एचएस झा और फ्लेक्सीटफ लिमिटेड एचआर हेड, मनोज द्विवेदी से जब हमने बता की तो पता चला कि पीथमपुर में हर दिन 10 से 12 लाख श्रमिकों की जरूरत होती है, लेकिन लाॅकडाउन के बाद बड़ी संख्या में श्रमिक अपने अपने घर लौट चुके हैं जो कि अनलाॅक के बाद भी अब वापस नहीं लौटे हैं। उद्योगपतियों का मानना है कि श्रमिकों के आधार पर चलने वाले उद्योगों को कुशल कर्मचारियों के आभाव में काफी बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है।
प्रतिभा सिंटेक्स लिमिटेड के एचआर हेड एचएस झा की माने तो लगभग 80 प्रतिशत श्रमिक अपने अपने घर जा चुके हैं जिसके कारण अब इंडस्ट्री को ट्रैक पर लाने में परेशानी हो रही है। बताया गया कि 6500 श्रमिकों का फोर्स पहले कम्पनी में था जो अब 2800 तक सीमित हो चुके हैं, जिसके कारण उत्पादन का काम प्रभावित हो रहा है।
लाॅकडाउन के दौर में पूरे विश्व में अधिकतर गतिविधियां थम सी गई है तो वहीं अब अनलाॅक के दौरान धीरे-धीरे सभी गतिविधयां पटरी पर लौटने भी लगी है, लेकिन पीथमपुर में अधिकतर श्रमिकों के आधार पर चलने वाले उद्योग श्रमिकों की कमी के कारण नुकसान उठा रहे हैं।
फ्लेक्सीटफ लिमिटेड एचआर हेड, मनोज द्विवेदी ने बताया कि पीथमपुर में 10 से 12 लाख श्रमिकों जरूरत हर दिन होती है, बताया गया कि दो तीन महिने में परिवर्तन नहीं हुआ था तो काफी बड़ा नुकसान हो सकता है, वहीं दूसरी ओर यातायात बाधित होने के कारण भी श्रमिकों के उद्योगों तक नहीं पहुंचाना एक बड़ा कारण बताया गया।