एक दिन की छुट्टी

संडे यानी की रविवार आते ही हम कहीं घूमने, परिवार के साथ समय बिताने या दोस्तों के साथ समय बिताने की प्लानिंग करते हैं। खान-पान, मौज-मस्ती ये सब चीजें हम शनिवार के दिन से ही प्लानिंग करने लगते हैं। लेकिन आपको एक बड़ी बात बताना चाहूंगा कि दूसरी ओर आपके परिवार की महिला सदस्य यानि की आपकी पत्नि, बहन या मां आपको रोज़ की तरह स्वादिष्ट व गरमा गरम भोजन खिलाने की सोचती है, वह कभी भी संडे को अपना ना बनाकर आपके लिए वह संडे खराब कर देती है या यूं कहें की उनके लिए संडे का दिन रोज की तहर ही है।

मेरा मुख्य उद्देश्य यह है कि हमारी मां-बहन या फिर आपकी पत्नि को आप संडे के दिन रेस्ट करने को कहें और घर के कुछ काम जो हर दिन महिला सदस्य करतीं है वह आप करें। खाना बनान हो, बर्तन धोना हो, कपड़े धोना हो या घर की साफ सफ़ाई हो यदि आप सुबह से ही इन कामों को मिल जुल कर करेंगे तो आपके परिवार का संडे के दिन का माहौल एक अलग ही हो जाएगा। लेकिन ये बात जरूर है कि नौकरी करने वालों को धोड़ी मुश्किल जरूर होगी लेकिन किसी को सुखी और खुश देखने से निश्चित ही हमारी तमाम चिंताए दूर हो जाती है।

परिवार में खिल-खिलाकर सभी अपना काम कर रहे हैं मस्ती के मूड में कोई कपड़े धो रहा है तो कोई खाना बनाने से पहले लोगों की इच्छाएं पूछ रहा है। सोचिए सभी घरों में यदि एक दिन भी दिल खोल कर हसेंगे और मनचाहा काम करेंगे तो माहौल क्या होगा ? माना जाता है कि यदि तीन से चार बार, व्यक्ति किसी एक चीज को रिपीट करे यानि की दोहराए तो वह प्रक्रिया उसे अपने आप याद आने लगती है। यदि आप दो से तीन संडे यह प्रक्रिया अपनाकर घर में माहौल बनाएंगे तो उसके बाद अपने आप ही आपके परिवार सदस्य हर संडे महिला सदस्य को आराम देकर अपने कामों में जुट जाएंगे।

लेख का उद्देश्य यही है कि घर की ग्रहणी का ध्यान रखते हुए आप भी हर संडे उन्हे आराम दें। बस ये जरूर ध्यान रखें कि होटल से भोजन ना मगाएं आप अपने हाथों से ही स्वच्छ, विश्वसनीय और गरमा गरम भोजन बनाकर अपने परिवार के सदस्यों को खिलाएं। एक संडे को यह करके देखें। हो सकता है आपकों अच्छा लगे। क्योंकि चीजों और प्रक्रिया में बदलाव करना ही जीवन में खुशहाली लाने की उम्मीद रखता है।

लेखक – गौरव शर्मा

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