6 महीने बाद भी लगवा सकते हैं कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज़

भोपाल, 18 मई। कोविड19 और विद्यार्थी विषय पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गाय जिसमें नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोले हाॅस्पिटल से बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ पीके सिंघल ने शामिल होकर पूछे गए सवालों का जवाब दिए। 18 से 25 वर्ष के युवाओं को टिप्स देते हुए डाॅ सिंघल बोले कि आजकल युवा चाय, काॅफी, कोल्डड्रिंक, नमकीन, बिस्किट ज्यादा खा रहे है जिसके कारण शरीर को जरूर पोषक तत्व ना मिलने से शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो रही है। ऐसे में युवाओं को शरीरिक श्रम बढ़ाने, नींद पूरी लेने, अच्छा आहार लेने, मेडिटेशन और पूजा पाठ करने की सलाह दी गई।

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कोरोना वायरस के उद्भव पर बयान

चीन ने कोरोना वायरस को फैलाया, इस बात को पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता। मार्च-अप्रैल माह में कोराना फैला, यह साजिश हो सकती है जिससे लोग ये सोचे की होली के कारण यह वायरस फैला। जैविक हथियार के रूप में कोरोना वायरस को उपयोग करने की बात 2015 में चीन से उठी थी। ये बड़ी बात है जो तसीरे विश्व युद्ध की रणनीति हो सकती है, भारत को टारगेट किया गया है इस बात को नकार नहीं सकते।

दोनों डोज़ लेने के बाद भी मृत्यु का कारण बताया

यह सवाल इस समय हर किसी के मन में उठ रहा है। इस पर डाॅ सिंघल ने स्पष्ट बयान दिया कि कई चीजें ऐसी होती है जिनका कारण पता नहीं चल पता है लेकिन इसके कुछ कारण हो सकते हैं जैसे अनकंट्रोल डायबिटीज, कोरोना के कारण ब्लड शुगर बढ़ना और दिल से जुड़ी बीमारी।

6 महीने बाद भी लगवा सकते हैं कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज़

कोरोना का घर पर ही इलाज करने के बाद काढ़ा पीने की सलाह दी गई जो कि जड़ी बूटी का एक्ट्रेक्ट होता है। बताया गया कि काढ़ा ज्यादा लेना भी घातक होता है इसीलिए थोड़ी मात्रा में ही लें। जबकि फल सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर खाने की सलाह दी गई।

पहले डोज़ के बाद वैक्सीनेश में गैप होने के सवाल पर डाॅ सिंघल ने बताया कि पहला डोज़ लगने के बाद शरीर में एंटीबाडी बन जाती है जो कि 12 हफ्ते तक बाॅडी में रहती है। इसके चलते दूसरा डोज़ 6 महीने बाद भी लगवाया जा सकता है।

बच्चों में चिड़चिड़ापन या उनके बर्ताव बदलने के सवाल पर डाॅ सिंघ बोले कि यदि घर में 4 लोग रहते हैं तो वो आज डिजटल रूप से जुड़े होने के कारण अलग-अलग बैठते हैं, ऐसा बिल्कुल भी ना करें। सलाह दी गई कि परिवार एकजुट रहे और साथ में मनोरंजन के पल निकाले जिससे की मानसिक रूप से सभी स्वस्थ रह सकें।

हालांकि अंत में विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. केजी सुरेशन ने डाॅ पीके सिंघल का आभार व्यक्ति करते हुए कहा कि जागरूकता सबसे बड़ा हथियार है ऐसे में खुद भी जागरूक हों, और सबको जागरूक करें। हालांकि सभी सुरक्षित रहें, निरोग रहें, स्वस्थ रहें यह कामना की गई।

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