पुलवामा हमले को दुर्घटना बताने वाले दिग्विजय सिंह पर पीएम मोदी ने साधा निशाना

धार-  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धार में संकल्प रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस को आड़े हाथो लेते हुए हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह द्वारा पुलवामा आतंकी हमले को दुर्घटना बताए जाने पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी बोले कि लम्बे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी ने सैनिकों के हाथ बांध रखे थे। वहीं दूसरी ओर सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के संबंध में भी जानकारी दी तथा सबूत मांगने वालों पर जमकर हल्ला बोला।

मोदी बोले, आपको ईमानदारी से बताना है क्या आपको हमारी सेना का जो पराक्रम है उस पराक्रम पर आपको क्या गर्व है। साथियों आपको लगता है कि हमारे वीर जवानों ने सही किया है, पूरे देश को लगता है कि हमने सही किया। सारी दुनिया ने कह दिया है कि हिन्दुस्तान के लिए यही मार्ग था लेकिन हमारे देश का दुर्भाग्य है कि यहां कुछ ऐसे लोग है जिनको ऐसा नहीं लगता है। जिस पार्टी ने सबसे लम्बे समय तक देश में शासन किया, जिस पार्टी के नेताओं ने हमारी पराक्रमी सेना के हाथ बांध कर रखे उसके नेता हमारे वीर जवानो के सामर्थ पर सवाल उठा रहे है।

इन महाशय ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले को दुर्घटना करार किया है यानि एक्सीडेंट है यानि ये एक हादसा था जो हो गया। देशवासी समझ ले ये ऐसे ही नहीं बोले है ये इनकी मानसिकता है ये इनकी रंगों में पड़ा हुआ है। आतंकियों को बचाने के लिए उनका पक्ष लेने के लिए अब ये उनके द्वारा किए गए हमले को सिर्फ एकहादसा बता  रहे है। आप मुझे बताईये जो पुलवामा में हुआ वो हादसा था क्या, एक्सीडेंट था क्या, क्या ये आतंकी हमले की राक्षसी कृत्य की गंभीरता को कम करने की कोशिश है कि नहीं है। साथियों नामदार परिवार के ये वही खास सिपहसालार है जिन्हें आतंक को बढावा देने वाले अब शांति दूत नजर आने लगे। ये वही महोदय है जिनको दुनिया का सबसे बडा आतंकी ओसामा बिन लादेन शांति दूत लगता था । ये वही महाशय है जिन्होंने मुम्बई के दर्दनाक हमले को भी पाकिस्तान को क्लीन चीट दे दी थी और जांच की दिशा को ही भटकाने का प्रयास किया। मत भूलीए दिल्ली के बाटला हाउस में जब आतंकियों का एंकाउट हुआ था तो ऐसे ही एक राज दरबारी ने दुनिया को बताया था कि आतंकी की मौत पर तब रिमोंट कंट्रोल से सरकार चलाने वालों के आंसू थम नहीं रहे थे। ये कौन थे जिनके आंसू रूकते नहीं थे भाई।

ये है किसानों के प्रति इनके दोरहे रवैये की सच्चाई। किसानों के नाम पर गांव-गांव, घर-घर जाकर कैसे वोट मांगे थे। ये आपको भी याद होगा कहा था 10 दिन के भीतर कर्ज माफ कर देंगे और फिर कहते थे छोटे बच्चों को जैसे मास्टर जी पढाते है एक, दो, तीन हुआ था ना ऐसा दस जिनको पौधा किसको कहते है, पेड किसे कहते है इनका ज्ञान नहीं है। खेती और किसानों के विशेषज्ञ बनकर यहां के लोगों से बडे बडे वादे कर रहे थे। फिर याद किजिए क्या कहा था। 10 दिन में पूरा कर्ज माफ नहीं किया तो मुख्यमंत्री जरूर बदल दूंगा। क्या किसानों का कर्ज माफ हुआ क्या, 5 बार बोलिए किसानों का कर्ज माफ हुआ क्या। अगर कर्ज माफ नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री तो जरूर बदल दिया होगा, बदला क्या। उन्होंने जिसको बिठाया था वहीं है ना। बताईये ये मध्यप्रदेश के लोगों के साथ वादाखिलाफी है ना। आपकी आंखों में धूल झौंकी की नही झौंकी।

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