शंकराचार्य बोले, श्रीराम को साक्षात भगवान मानने वाले ही मंदिर का संचालन करें
नरसिंहपुर। जिले के परमहंसी आश्रम झौतेश्वर में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज की अगुवाई में संत समेलन का आयोजन हुआ जिसमें अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सनातन मूल्यों के अनुरूप रामलला के मंदिर निर्माण की बात उठी, इसके साथ ही राम मंदिर निर्माण के पहले राम भगवान को चंदन की लकड़ी से निर्मित सोने की परत वाले सिंघासन में विराजमान किए जाने की बात संतों ने रखी। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज ने बताया कि सनातन परंपरा और वास्तु के आधार पर मंदिर बने और वहीं उसका संचालन करें जो भगवान राम को साक्षात भगवान मानते हों।
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज ने आशंका व्यक्त करते हुए संदेश दिया कि राम हमारी आस्था है, हमारे भगवान है पर मंदिर निर्माण ट्रस्ट में वह लोग है जो राम को मनुष्य मानते है। आज जब हमें हमारे आराध्य श्रीराम के मंदिर निर्माण का अवसर मिला है तो संतो की यह अभिलाषा है कि मंदिर सनातन परंपरा और वस्तु के आधार पर बने, पर कुछ लोग है जो सनातन आस्था के विपरीत राम को एक मनुष्य मान कर हमारे भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण करा रहे है, जिसपर शंकराचार्य स्वरूपानन्द सरस्वती ने आपत्ति जताई।