कोलारस थाना प्रभारी की दबंगई, न्यायालय की अवमानना की

कोलारस। ट्रेक्टर व्यवसायी राकेश शर्मा के साथ कोलारस थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह सिकरवार की दबंगई का मामला सामने आया है। बता दें व्यवसायी को लगभग चार घंटे थाना में बिठाकर स्टेटमेंट लिया गया है। पूरा मामला उधारी के रूपयों और चेंक बाउंस से जुड़ा है।

दरअसल ट्रेक्टर व्यवसायी राकेश शर्मा ने टीआई कोलारस सुरेंद्र सिंह सिकरवार पर आरोप लगाया है कि प्रभारी ने ऐसे मामले में लिखापड़ी करवाई है जिसका न्यायालय में फैसला हो चुका है। मामला 2 लाख रुपए के चेकबाउंस का है जिसका विवाद राकेश शर्मा और मनीष शर्मा के बीच है। इस मामले में न्यायालय ने व्यवसायी राकेश शर्मा को पहले ही न्याय दे दिया है और मनीष शर्मा को चेक बाउंस मामले में आरोपी बनाकर 1 साल की सजा तथा 2 लाख रूपए अदा करने के निर्देश दिए थे। लेकिन इसके बाद भी कोलारस थाना प्रभारी ने आरोपी मनीष शर्मा की मौजूदगी में व्यवसायी राकेश शर्मा को थाना बुलाकर स्टेटमेंट लिया है।

प्रभारी ने बताया कि ट्रेक्टर व्यवसायी राकेश शर्मा ने मनीष शर्मा को ट्रैक्टर की बिक्री के संबंध में धोखाधड़ी की दो बैंकों के कुल 16 चैक ले लिए थे और फिर जब मनीष अपना ट्रैक्टर लेकर वापस आ गया तो ट्रेक्टर व्यवसायी राकेश शर्मा ने मनीष शर्मा को चैक वापस नहीं किए। जबकि उन ब्लैंक चैक में राशि भरकर न्यायालय में पेश कर दिया जिसके कारण मनीष शर्मा को जेल जाना पड़ा।

जब इस मामले में थाना प्रभारी से व्यवसायी के स्टेटमेंट की काॅपी मांगी गई तो प्रभारी ने स्टेटमेंट भेजने का अश्वासन तो दिया लेकिन प्रभारी द्वारा स्टेटमेंट नहीं भेजा गया। हालांकि यह न्यायालय के फैसले को तोड़मड़ोकर न्यायिक प्रक्रिया को दूषित करना अपराध माना जाता है जबकि न्यायालए के आदेश पारित करने के बाद किसी को भी पुलिस अधिकारी को जांच का अधिकारी नहीं होता है। इससे न्यायालय की अवमान्ना माना जाता है।

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