देपालपुर वासियों ने की एडीजे कोर्ट की मांग

देपालपुर। इंदौर से लगगभ 50 किलोमीटर दूर देपालपुर कोर्ट में अब एडीजे कोर्ट की स्थापना की मांग ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है। देपालपुर तहसील कोर्ट में कार्यरत वकीलों ने इंदौर हाईकोर्ट से लेकर मुख्य न्यायमूर्ति तक इस बात के लिए संपर्क किया है जिससे की ग्रामीणों को एडीजे कोर्ट की स्थापना कर न्याय दिलाया जा सके।

देपालपुर वासी ने बताया कि भवन तैयार है लेकिन अभी तक नियुक्ती ना होने के कारण मामला अटका पड़ा हुआ है। जानकारी दी गई कि इंदौर जिले की सबसे बड़ी देपालपुर है लेकिन यहां एक भी एडीजे कोर्ट नहीं है जिसके कारण इंदौर जाना पड़ता है। आमजन ने मांग की है कि एडीजे कोर्ट जल्द से जल्द शुरू होना चाहिए।

देपालपुर बार एसोसिएशन अध्यक्ष, मालती जोशी ने बताया कि देपालपुर में 175 ग्राम लगते हैं और एडीजे कोर्ट की स्थापना ना होने कारण लोगों को न्याय के लिए इंदौर जाना पड़ता है। बताया गया कि देपालपुर तहसील में तीन थाने है जिनमें अपराधिक प्रकरण काफी निकलते हैं, साल भर में लगभग 70 केस होते है जो कि एडीजे कोर्ट के करीब होते हैं, इसीलिए देपालपुर में एडीजे कोर्ट की स्थापना होना अनिवार्य है।

देपालपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष, दिलीप यादव ने बताया कि एडीजे कोर्ट के आभाव में गंभीर मुद्दों पर देपालपुर कोर्ट में सुनवाई नहीं हो पाती क्योंकि यह शेशन ट्रायल केस रहते है जिसके लिए इंदौर जाना पड़ता है जहां धन खर्च के साथ साथ समय भी अधिक लगता है और न्याय मिलने में वर्षों का समय लगता है।

शासकीय एडीपीओ, संजय कुमार ने बताया कि देपालपुर में एडीजे कोर्ट स्वीकृत हो चुका है लेकिन सहीं जगह नहीं मिल पा रही है। जानकारी दी गई कि महिला बार रूम के लिए भवन निर्माण कराया गया था जिसको बार एसोसिएशन एडीजे कोर्ट को देने तैयार भी है लेकिन बात कहां तक आगे बढ़ी इस जानकारी का आभाव है। बता दें कि लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के प्रयास से वर्ष 2017 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नोटिफिकेशन जारी कर देपालपुर क्षेत्र को एडीजे कोर्ट आवंटन कर दिया था।

हालांकि वर्तमान में बढती जनसंख्या, क्षेत्रफल के विस्तार और अन्य मामलों को देखते हुए अब देपालपुर में महू की तर्ज पर एडीजे कोर्ट की स्थापना की जाना अतयंत जरूरी माने जाने लगी है।

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