रामपथ गमन में आने वाले रक्सेलवा का नहीं हुआ विकास

Rakselwa | सतना : जिला के धर्म नगरी चित्रकूट की 84 कोसी परिक्रमा का बहुत बड़ी मान्यता है। इसी परिक्रमा में कोठी से 12 किलोमीटर दूर सिंहपुर रोड में रक्सेलवा स्थान है जो कि 84 कोस परिक्रमा में आता है लेकिन रक्सेलवा मंदिर महाराज ने बताया कि राम पथ गमन में यह क्षेत्र होने के बावजूद भी शासन प्रशासन ने क्षेत्र के विकास में कोई हाथ नहीं बटाया है। बताया गया कि। साधू संतों ने भिक्षा मांगकर मंदिर का विकास काराया है।

मान्यता है कि भगवान राम, माता जानकी और लक्षम्णजी ने जब चित्रकूट से प्रस्थान किया तो रक्सेलवा में आकर रुके और उस स्थान पर पानी नही मिला तो लक्षम्णजी ने वाण मारकर पानी निकाला और तभी से उस कुंड का नाम अमृत कुण्ड रख दिया गया। महाराज ने बताया कि एक रात्रि विश्राम कर भगवान राम ने आगे के लिये प्रस्थान किया था।

रक्सेलवा मंदिर महाराज ने बताया कि रक्सेला स्थान में जो भी विकास आज दिखाई दे रहा है वह स्थानीय लोगो की आस्था और प्रयासो से किया गया है इसमें शासन प्रशासन ने कोई हाथ नहीं बटाया है।

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