लाॅकडाडन-4: पीएम मोदी का एलान – 18 मई से पहले जानकारी मिलेगी

नई दिल्ली। लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई की शाम राष्ट्र को संबोधित किया। बता दें कि देश में 17 मई तक लाॅकडाउन है। पीएम मोदी ने अपने संबोधित के दौरान कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना से सर्तक रहकर बचना भी है और आगे बढ़ना भी है। 21वी सदी भारत की हो, यह सपना ही नहीं यह हम सभी की जिम्मेदारी भी है।

18 मई से पहले लाॅकडाउन-4 की जानकारी मिलेगी

लाॅकडाउन-4 लाॅकडाउन का चौथा चरण पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा। राज्यों से सुझाव मिले है, उनके आधार पर लाॅकडाउन 4 इससे जुड़ी जानकारी 18 मई से पहले दी जाएगी।

पीएम मोदी ने की विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा, देश को किया संबोधित

पीएम मोदी बोले “आत्म निर्भर भारत अभियान” की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा। हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी आर्थिक घोषणाएं की थी, जो रिर्जव बैंक के फैसले थे और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उनसभी का कुल 20 लाख करोड़ का यह पैकेज है। भारत की जीडीपी का करीब 10 प्रतिशत है। इनके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को सम्बल सपोर्ट मिलेगा। यह पैकेट 2020 में देश की विकास यात्रा को 20 लाख 2020 में आत्म निर्भर भारत अभियान को नई गति देगा।

केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा आत्म निर्भर भारत अभियान से प्रेरित आर्थिक पैकेज की जानकारी दी जाएगी।

पीएम मोदी ने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में आज भारत एक बेहत अहम मोड़ पर खड़ा हैं। कोरानो बड़ी आपदा भारत के लिए संकेत, संदेश और अवसर लेकर आई है। पीएम मोदी बोले, भारत ने कोरोना आपदा को अवसर में बदला है, जो कि आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रभावी सिद्ध होने वाली है।

  • आज तो चाह भी है, और राह भी हैः मोदी
  • कोरोना आपदा के लिए भारत आत्मनिर्भर: मोदी
  • विश्व के सामने भारत का चिंतन आशा की किरण नजर आयाः मोदी
  • कच्छ एक दिन मौत की चादर ओढ़कर सो गया थाः मोदी

भारत जब सोनी की चिड़िया कहा जाता था, सम्पन्न था। तब सदा विश्व के कल्याण की राह पर था। लेकिन वक्त बदला, देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ विकास के लिए तरसा। और आज फिर भारत विकास और सफलता की राह पर अग्रसर है। पीएम मोदी बोले हमारे पास दुनिया का सबसे बेहतरीन टेलेंट हैं।

कच्छ भूकम्प का जिक्र करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी बोले हर तरफ उस समय सिर्फ मलव ही मलवा था। सब कुछ ध्वस्त हो गया है। कच्छ मौत की चादर ओढ़कर सो गया हो। लेकिन समय निकला और कच्छ चल पड़ा।

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